
मखदुमपुर घाट पर उमड़ा जन सैलाब: कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर लाखों श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी हस्तिनापुर (मेरठ):

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श्रद्धालुओं ने लगाई आस्था की डुबकी
कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर मखदुमपुर गंगा घाट पर श्रद्धालुओं का जनसैलाब उमड़ पड़ा। तड़के सुबह से ही गंगा स्नान के लिए भक्तों की भीड़ लगनी शुरू हो गई थी, जो दोपहर तक लाखों में पहुंच गई। गंगा तट पर श्रद्धा और आस्था का अनोखा संगम देखने को मिला। वातावरण ‘हर-हर गंगे’ और ‘जय मां गंगे’ के जयकारों से गूंज उठा।
🙏 आस्था का अद्भुत नज़ारा और प्रशासनिक सहभागिता
* ब्रह्म मुहूर्त में स्नान: श्रद्धालु सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ही अपने परिवारों के साथ गंगा घाट पहुंचे और स्नान कर भगवान सूर्य को अर्घ्य दिया।
* सुख-समृद्धि की कामना: महिलाओं ने गंगा जल में डुबकी लगाकर परिवार की सुख-समृद्धि और मंगलकामना की।
* पितरों के लिए तर्पण: पुरुषों ने अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए तर्पण और दीपदान किया।
* दिव्य गंगा आरती: संध्या समय सूर्य अस्त होने पर, उप जिला अधिकारी संतोष सिंह और क्षेत्राधिकारी मवाना पंकज लाववानिआ ने स्वयं गंगा आरती में भाग लिया। दीपों की भव्यता से पूरा घाट जगमगा उठा, जो भक्ति, श्रद्धा और शांति का अद्भुत संगम था। हजारों श्रद्धालुओं ने भी गंगा जल में दीप प्रवाहित किए।
🗺️ क्षेत्रीय समन्वय
मखदूमपुर घाट पर न केवल हस्तिनापुर क्षेत्र से, बल्कि हापुड़, मेरठ, मवाना, गढ़मुक्तेश्वर और आस-पास के जनपदों से भी श्रद्धालु पहुंचे।

* आवागमन: किसी ने ट्रैक्टर-ट्रॉली से, तो किसी ने पैदल यात्रा कर आस्था की डुबकी लगाई।
* मेले का आनंद: श्रद्धालुओं ने परिवारों के साथ आकर पूजा-पाठ किया और मेले का भरपूर आनंद लिया। घाट के आसपास की गलियां दुकानों और अस्थायी बाजारों में रौनक से गुलजार रहीं।
* युवाओं में उत्साह: स्नान के बाद बच्चे और युवा वर्ग भी उत्सव मनाते नजर आए। कहीं युवा गंगा की रेत पर कबड्डी खेलते दिखे, तो कहीं बच्चे पानी में छपाछप करते हुए दिनभर आनंद लेते रहे। कई स्थानों पर भजन-कीर्तन का आयोजन भी हुआ।
पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, कार्तिक पूर्णिमा का स्नान मोक्षदायक होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन गंगा में स्नान करने से सभी पाप नष्ट हो जाते हैं और दिवंगत आत्माओं को शांति प्राप्त होती है। इसी मान्यता के चलते श्रद्धालु हर वर्ष इस दिन को धर्म और आस्था का सबसे बड़ा पर्व मानते हैं, और उससे दो-तीन दिन पहले ही गंगा तट पर आकर मेले का आनंद लेते हैं।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे।
* सुरक्षा व्यवस्था: घाटों पर पुलिस बल के साथ गोताखोर और स्वास्थ्य विभाग की टीमें लगातार तैनात रहीं।
* साफ-सफाई: नगर पंचायत द्वारा सफाई व्यवस्था को चाक-चौबंद रखा गया था।

व्यवस्था संचालन: उप जिला अधिकारी संतोष सिंह और क्षेत्राधिकारी मवाना पंकज लाववानिआ पैदल ही पूरे मेले का जायजा लेते रहे
* व्यवस्था संचालन: उप जिला अधिकारी संतोष सिंह और क्षेत्राधिकारी मवाना पंकज लाववानिआ ने खुद मेले की कमान संभाली और पैदल ही पूरे मेले का जायजा लेते रहे। जगह-जगह लाउडस्पीकरों से दिशा-निर्देश प्रसारित किए जा रहे थे ताकि किसी को कोई असुविधा न हो।












